Chand Kahu Phul Kahu Subah Kahu Ya Sham - चाँद कहूँ फूल कहूँ सुबह कहूँ या शाम
LYRICS:
चाँद कहूँ फूल कहूँ सुबह कहूँ या शाम
चाँद कहूँ फूल कहूँ सुबह कहूँ या शाम
क्या रखूं तेरा नाम जिसे दुनिया करे सलाम
क्या रखूं तेरा नाम जिसे दुनिया करे सलाम
तेरी सूरत देख के शायर लिखे प्रेम के गीत
तेरी पायल की छम से जागे सोया संगीत
तेरे होंठ कमल जैसे आँखे शीशे के जाम
चाँद कहूँ फूल कहूँ सुबह कहूँ या शाम
क्या रखूं तेरा नाम जिसे दुनिया करे सलाम
क्या रखूं तेरा नाम जिसे दुनिया करे सलाम
तेरी जुल्फों में है छाँव मुखड़े पर है धूप
ओ चितचोर चुराया तूने परियों का रंग रूप
तेरी जुल्फों में है छाँव मुखड़े पर है धूप
ओ चितचोर चुराया तूने परियों का रंग रूप
और ना जाने तेरे सर पर है कितने इल्जाम
चाँद कहूँ फूल कहूँ सुबह कहूँ या शाम
क्या रखूं तेरा नाम जिसे दुनिया करे सलाम
क्या रखूं तेरा नाम जिसे दुनिया करे सलाम
होगी लैला होगी सोणी होगी कोई हीर
तेरी सूरत जैसी देखी नहीं कोई तस्वीर
होगी लैला होगी सोणी होगी कोई हीर
तेरी सूरत जैसी देखि नहीं कोई तस्वीर
मेरे ख्वाबों की शहजादी मैं हूँ तेरा गुलाम
चाँद कहूँ फूल कहूँ सुबह कहूँ या शाम
क्या रखूं तेरा नाम जिसे दुनिया करे सलाम
क्या रखूं तेरा नाम जिसे दुनिया करे सलाम